इस साधु ने 48 वर्षों से नीचे नहीं किया अपना एक हाथ, कहा मुझे शिव का आशीर्वाद प्राप्त है!

Devotional

दुनिया में कई ऐसे महान लोग हुए हैं जिन्होंने अपनी इच्छा शक्ति से समय-समय पर दुनिया को हैरान किया है। आज हम इस लेख में एक ऐसे ही असाधारण व्यक्ति के कारनामे बात करने वाले है जिनके बारे में आम इंसान सोच भी नहीं सकता है। इस महान शकस ने ऐसा करिश्मा किया है जिसके ऊपर आम आदमी आसानी से यकीन भी नहीं कर पाता कि क्या सच में कोई इंसान ऐसा कर सकता है। आज हम आपको एक ऐसे ही महामानव के बारे में बताने जा रहे हैं।

बतादे के आज कल सोशियल मिडिया पर एक हाथ हवा में लहराये हुए एक बाबा की तस्वीरें वायरल हो रही है। आपको जानके हैरानी होगी के इन्होने एक या दो या फिर कई सालों से नहीं बल्कि 48 सालों से अपने एक हाथ को हवा में उठा रखा है। इतने सालों में एक पल के लिए भी यह हाथ नीचे नहीं हुआ था।

इस अजीबो गरीब कारनामा करने वाले बाबा का नाम है अमर भारती। अमर भारती के बारे में बहुत ही कम लोग जानते है। मगर इन्होने आस्था और शांति के लिए काफी महत्वपूर्ण कार्य किये है। जिसके बारे में पूरी दुनिया को पता है. आपको बता दें कि,अमर भारती एक संन्यासी हैं और उन्होंने पिछले 48 वर्षों से अपने एक हाथ को हवा में उठाया हुआ है।

इतने वर्षों में उन्होंने एक पल के लिए भी अपने हाथ को निचे नहीं किया है. ऐसे में कई लोग उनके इस कारनामे को चमत्कार कहते है. वहीं बहुत से लोग इसे उनकी बेवकूफी भी बता रहे है. लेकिन साधु अमर भारती का ये हैरान करने वाला काम चमत्कार से कम नहीं है.

इस तरह से साधु बने अमर भारती

एक वेबसाइट की माने तो अमर भारती शुरू से संन्यासी नहीं बनना चाहते थे. आपको बता दें कि वह पहले एक बैंक कर्मचारी हुआ करते थे. उनकी पत्नी थी, बच्चे थे, घर था, नौकरी थी मगर अचानक एक दिन उनका मन अध्यात्म की और बढ़ गया. ऐसे में उन्होंने सब कुछ त्याग कर धर्म की राह पकड़ ली. उन्होंने अपनी जिंदगी का बचा हुआ समय भोलेनाथ भगवान शिव को समर्पित कर दिया.

इस वजह से उठा रखा है साधु ने एक हाथ

अगर कभी आप अपने हाथ को हवा में उठाएं तो आप यक़ीनन 2 या 3 मिनिट से ज्यादा उसे हवा में नहीं रख पाएंगे. क्योंकि उससे ज्यादा देर हवा में रख पाना भी संभव नहीं है. लेकिन शिव की भक्ति और संसार की शांति के लिए उन्होंने ये कार्य किया है.

अपने एक इंटरव्यू के दौरान अमर भारती ने बताया कि उन्हें ये काम करने के लिए शिव से शक्ति मिली हुई है. इसके अलावा वह इसके जरिए दुनिया में शांति स्थापित करना चाहते थे. शुरू-शुरू में तो उन्हें काफी दर्द हुआ. लेकिन आस्था की प्रबल शक्ति के दम पर अमर भारती ने साल 1973 से अपने एक हाथ को हवा में खड़ा किया हुआ है.

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